ॐ ।।
#भारत_के_5000_स्वाद_Part100
#Udaipur #उदयपुर
#द_एग_वर्ल्ड #the_egg_world
कई बार जीवन में आप यकायक किसी ऐसे व्यक्ति से मिलते हैं कि जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण का #फ़ोकस_एडजस्ट करने का अवसर मिल जाता है……#SwadList में आज का स्वाद एक ऐसे ही व्यक्ति द्वारा विकसित किया गया है जिन्होंने खान-पान को लेकर इतने सफल और यूनिक प्रयोग किए हैं कि उनकी ख्याति #मास्टर_शेफ़_TV_शो के साथ साथ देश के बड़े-बड़े नामों के बीच में भी पहुँच चुकी है.
मित्रों……उदयपुर के रहने वाले #जय_कुमार_वलेचा जी #द_एग_वर्ल्ड के नाम से एक रेस्टोरेंट चलाते हैं जिसे रेस्टोरेंट की बजाय #फ़ूड_मॉल कहना अधिक उचित होगा.
उदयपुर फ़ूड टूर के दौरान मैं उनके रेस्टोरेंट पर पहुँचा, काउंटर पर उपस्थित स्टाफ़ को अपना परिचय दिया और जय जी के बारे में पूछा, रेस्टोरेंट का एक छोटा सा छोटू बड़े ही गर्व और उत्साह से बोला कि…”सर, चलिए मैं आपको जय भैया के पास छोड़ कर आता हूँ….हमारे जय भैया अपने ठेले पर ही मिलना पसंद करते है”……
थोड़ी सी हैरानी हुई कि रेस्टोरेंट से थोड़ा दूर ठेले पर क्यूँ 🤔…..पर इसके पीछे की कहानी भी बहुत ही प्रेरणादायक और प्रभावित करने वाली है……पाक कला के शौक़ीन जय कुमार जी के पिता जी उदयपुर के चेतक सर्कल पर सन 1984 से अण्डे का एक छोटा सा ठेला लगाते थे और जय जी बचपन से ही पढ़ाई के बाद ख़ाली समय में वहाँ पर उनकी सहायता करने के लिए कूकिंग में हाथ आज़माते थे…..जय जी बताते हैं कि बचपन में जब उनका हाथ भी स्टोव तक नहीं पहुँच पाते थे तो वे #स्टूल_पर_खड़े_होकर अण्डे के आमलेट को नए-नए तरीक़े से बनाने के लिए प्रयोग करते थे.
समय के साथ साथ उन्होंने जब व्यवसाय सम्भाला तो कई नयी-नयी प्रकार की डिशेज़ को बनाना शुरू किया……धीरे-धीरे दुकानदारी इतनी चली कि कुछ ही वर्षों में ठेले ने लगभग पचास मीटर की दूरी पर एक #आलीशान_रेस्टोरेंट का रूप ले लिया……परन्तु जय जी ने एक अदभुत उदाहरण प्रस्तुत किया…..उन्होंने यह फ़ुली एयरकंडिशंड रेस्टोरेंट #स्टाफ़_द्वारा_चलने_के_लिए छोड़ दिया और स्वयं सामने ही स्थित #अपने_पुराने_ठेले_पर_ही_खड़े_रहना और स्वयं अपने हाथ से ही नयी-नयी डिशेज़ बनाना पसंद किया……….जय जी चाहें तो रेस्टोरेंट में सिर्फ़ ऑफ़िस में बैठ कर काम कंट्रोल कर सकते हैं परन्तु जय जी के लिए #खाना_बनाना_एक_कला है और #कलाकार कहाँ अपनी कला से दूर होकर रह सकता है. आज भी उनके पुराने और पक्के ग्राहक ठेले पर ही खाना पसंद करते हैं…..हाँ परिवार के साथ एयर कंडिशन्ड वातावरण में बैठना पसंद करने वाले लोग रेस्टोरेंट में भी सब डिशेज़ का स्वाद ले सकते हैं.
यहाँ पर बनने वाली कुछ यूनिक डिशेज़ हैं #अण्डा_उदयपुरी, #एग_बंच, ग्रेवी_वाला_आमलेट, #तंदूरी_आमलेट, #पिज़्ज़ा_आमलेट, #क्रंची_आमलेट और यहाँ की सबसे अधिक यूनिक और देश-विदेश में प्रसिद्ध #उबले_हुए_अण्डे_की_भुर्जी……यह सब डिशेज़ कहीं से नक़ल की हुई नहीं हैं बल्कि जय कुमार जी द्वारा स्वयं विकसित की गयी हैं… इन सबके अलावा और भी अण्डे की कई यूनिक आइटम्ज़ का स्वाद यहाँ पर किया जा सकता है. सुबह 11 बजे से रात को 12 बजे तक खुलने वाली दुकान पर एक बड़े तवे पर उबले अण्डे की भुर्जी #लगातार_बनती_रहती_है और किसी भी समय यहाँ पर सौ के लगभग लोग खाने-पीने का आनंद लेते हुए दिखते हैं……शाम से लेकर आधी रात तक यह संख्या और बढ़ जाती है.
जय कुमार जी के इस फ़ूड मॉल में अंडों से बनी हुई जितनी यूनिक और अदभुत डिशें मिलती हैं उतनी आज तक कहीं और नहीं देखी गयीं. जय कुमार जी के एग वर्ल्ड से स्वाद चखने वालों में ग्राहकों में देश के बड़े-बड़े सेलिब्रिटी और उद्योगपति शामिल हैं……अक्सर उदयपुर आने वाले देश के एक बड़े उद्योगपति जो कि Z+ सिक्यरिटी में रहते हैं वे भी विशेष रूप से जय जी के हाथ से बने हुए खाने का स्वाद चखने यहाँ पर आ चुके हैं.
देश के कई नामी होटलों से जय जी को एक से एक ऑफ़र आ चुके हैं पर जय जी को यहीं अपने अड्डे पर ही काम करना और मस्त जीवन जीना अच्छा लगता है.
फ़ूड टूर के दौरान अधिकतर एक स्वाद कवर करने में मुझे औसतन 8-10 मिनट लगते हैं परन्तु जय कुमार जी के साथ बात करते-करते और उनकी सफलता की कहानी सुनते हुए लगभग दो घंटे का समय कब बीत गया पता ही नहीं चला…जय जी ने बहुत ही उत्साह और अपनेपन से बात की और स्वयं अपने हाथों से कई प्रकार के अण्डे के व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर दिया……रात नौ बजे से लेकर ग्यारह बजे तक का यह मेरे द्वारा लिया गया अब तक का सबसे लम्बा और सबसे इंट्रेस्टिंग इंटरव्यू था.
गूगल लोकेशन : https://goo.gl/maps/TYmSVK9KfXk2GGFj7
SwadList रेटिंग : 7 स्टार ⭐️ ⭐️ ⭐️ ⭐️ ⭐️ ⭐️ ⭐️
मित्रों…..आपको यह पोस्ट कैसी लगी इसके बारे में आपका फ़ीड्बैक अवश्य दीजिएगा…..कनेक्टेड रहिए ….जुड़े रहिए…स्वाद लेते रहिए 🙏
आपका अपना ….. पारुल सहगल 😊
अदभुत जानकारी। आपकी कहानी पढ़कर उदयपुर जाना पड़ेगा। इस जगह की मुलाकात भी लेनी पड़ेगी।
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