ॐ ।।
#भारत_के_5000_स्वाद_Part59
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नमस्कार मित्रों 🙏
आज का स्वाद है भीलवाड़ा में मिलने वाला एक विशेष मीठा डेजर्ट “#भुगल_मावा“.
जो कि एक तरल मावा “#लिक्विड_मावा” है…….. दरअसल “भुगल मावा” एक सिंधी शब्द है जिसका हिंदी में शाब्दिक अर्थ है “#भुना_हुआ_मावा.
भीलवाड़ा के “#नागोरी_गार्डन पर महाराणा टाकीज़ के सामने स्थित #दिलबहार_कुल्फी_एंड_मावा_सेण्टर पर यह भुगल मावा मिलता है. इसकी विशेषता है कि यह गर्मागर्म और लगभग तरल रूप में (सेमी_सॉलिड) रूप में मिलता है. इसको कड़ाही में बना कर एक विशेष प्रकार के स्टील के कंटेनर में डाला जाता है और बनाने के दौरान इसके बीच का भाग भुन कर लाल हो जाता है….. यही लाल रंग का मध्य भाग लोगों को स्वाद में इतना अधिक पसंद आता है कि लोग नया कंटेनर खुलते ही सबसे पहले मध्य भाग से लाल मावा देने की मांग करते हैं.
यह दूकान 1957 में शुरू हुई थी और तब से लेकर आज तक अपनी क्वालिटी और स्वच्छता के लिए जानी जाती है. इसके संस्थापना लीलाराम मखीजा जी ने की थी और आज मखीजा परिवार के अलग-अलग सदस्य इस दूकान को सँभालते हैं ….. इनकी एक विशेषता है कि मावा यह स्वयं अपने हाथों से तैयार करते हैं और आज तक कोई बाहरी कारीगर इन्होने नहीं रखा है.
इसका दाम है 320/- रूपये प्रति किलो और यह दुकान सुबह 9 बजे से रात को 11 बजे तक खुलती है.
गूगल लोकेशन: https://goo.gl/maps 1BwhjgR1hxCva9JE6
SwadList रेटिंग : 5 स्टार *****
हालांकि इसी दूकान की मावा कुल्फी और पान कुल्फी भी काफी प्रसिद्द है परन्तु उन पर चर्चा फिर कभी …. फिलहाल आप लीजिये स्वाद गर्मागर्म “भुगल मावे” का …… आपका फीडबैक अवश्य दीजियेगा ….. आप SwadList सभी आर्टिकल्स www.swadlist.com पर भी पढ़ सकते हैं 🙂 …. जुड़े रहिये …. कनेक्टेड रहिये 🙏
आपका अपना ….. पारुल सहगल 😊