ॐ ।।
#भारत_के_5000_स्वाद_Part29
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नमस्कार मित्रों 🙏
आज का स्वाद है बनारस की विश्वप्रसिद्ध “बाबा जी की बूटी” युक्त केसरिया ठंडाई का.
बनारस के “हार्ट ऑफ़ द सिटी” अर्थात “गोदौलिया चौक” से कुछ आगे मैदागिन की ओर चलने पर बाएं हाथ हौज़ कटोरा नाम की एक छोटी सी गली में है 60 वर्ष पुरानी “#बाबा_ठंडाई” की दुकान जहाँ मिलती है “बनारसी ठंडाई”
एकदम छोटी सी दुकान है जो चल तो रही है तो पुराने समय से परन्तु समय के साथ-साथ अपडेट हो चुकी है … यहाँ पर ठंडाई को केसर, पिस्ता, बादाम आदि दूध में घोल कर बनाया जाता है और खूब ठंडा करके परोसा जाता है.
यहाँ की ठंडाई की विशेषता है उसमें मिलायी जाने वाली “बाबा जी की बूटी” अर्थात “शुद्ध भांग का घोंटा” जिसे यहाँ की स्थनीय बोलचाल में “मिश्राम्बू” कहा जाता है.
कमाल का ड्रिंक है यह चमत्कारी “मिश्राम्बू” …. इसका एक गिलास पियो और आप उड़ते उड़ते पूरे बनारस के ऊपर से चक्कर लगा कर आ सकते हैं …. दूसरा गिलास पियो और आप उड़ते हुए लगभग पूरा उत्तर प्रदेश घूम सकते हो ….. तीसरे गिलास तक जाने का रिस्क नही लिया वरना सुना है की तीसरा गिलास पीने के बाद लोग बिना पासपोर्ट वीज़ा के विदेश तक की उड़ान मार आते हैं.
वैसे यह बूटी केवल अनुरोध पर उपलब्ध है अर्थात optional है. यदि आप चाहें तो बिना भांग के भी ठंडाई का आनंद ले सकते हैं. घोंट कर रखी गयी भांग एक बर्तन में चटनी के रूप में रखी रहती है. दुकान वाले अंकल जी ग्राहक की माँग पर ग्राहक की आयु एवम् शारीरिक क्षमता को ध्यान में रखते हुए ठंडाई में मिलाए जाने वाले भांग के गोले का साइज़ निर्धारित करके ठंडाई में मिला देते हैं.
इसका प्रति गिलास दाम है 60 रुपए और यह दुकान सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक खुलती है.
आस पास कुछ और भी ठंडाई की दुकानें है परंतु अधिक प्रसिद्ध बाबा ठंडाई और बादल ठंडाई है.
आगे और भी बहुत सी नयी-नयी जानकारी आ रही है.
जुड़े रहिए और सिरीज़ के पोस्ट्स पढ़ते रहिए🙏
आपका अपना …. पारुल सहगल 😊