नमस्कार मित्रों ….. 🙏
आज स्वाद का जो अनुभव मैं आपके साथ शेयर करने जा रहा हूँ वह एक पौष्टिक पेय पदार्थ है और महाराष्ट्र में प्रचलित है.
आज से लगभग तीन महीने पूर्व काम के सिलसिले में मुंबई के बाहरी क्षेत्र “भिवंडी” में जाना हुआ तो वहां पर “ठाणे” स्टेशन के पास सुबह नाश्ता करते हुए देखा की कुछ लोग छोटे-छोटे काँच के गिलासों में पीले रंग का चाय जैसा कुछ गरमा-गरम पेय पी रहे हैं.
जिस दुकान पर नाश्ता कर रहे थे दीवार पर छपे हुए मेनू को ध्यान से पढ़ा तो उसमें मराठी में लिखा हुआ चाय, कॉफ़ी, छाछ के साथ जो अलग और नया नाम दिखाई दिया वह था #ऊकाला जिसका दाम 20 रूपये प्रति गिलास था.
पूछने पर पता चला कि यही वह पेय है जो कि अधिकतर लोग नाश्ते के बाद पी रहे थे.
अपन ने भी अपनी “फूडी प्रवत्ति” के साथ न्याय करते हुए ऊकाला का आर्डर दे दिया. दूकानदार गिरिजा म्हात्रे जो कि लोकल मराठी थे उन्होंने मेरे पूछने पर बताया कि ऊकाला को बनाने के लिए फुल क्रीम दूध, कच्ची हल्दी, शक्कर, इलाइची और चिरौंजी का प्रयोग होता है. अधिक स्वाद के लिए इसमें चाय मसाला भी मिलते हैं . मुंबई में चूंकि मौसम में नमी रहती है तो यह पेय आपको सर्दी-खांसी से बचने के लिए एंटी-बायोटिक का काम करता है.
पीने पर वाकई बहुत स्वादिष्ट लगा और स्वाद-स्वाद में एक गिलास और पिया. ☺️
मित्रों …. कहने को यह सामान्य रोजमर्रा के इंग्रेडिएंट्स से बना हुआ एक सामान्य पेय है परन्तु इसको बनाने कि विधि और विशेष मौसम में इसका विशेष प्रयोग ने मुझे इसको इस “#SwadList ” में लाने और इसका स्वाद आप सबके साथ शेयर करने पर मज़बूर कर दिया.
कभी महारष्ट्र जाना हो तो ऊकाला का स्वाद अवश्य लीजिये. ठाणे स्टेशन के बिलकुल सामने आनंद सिनेमा के बाहर कई छोटे-छोटे स्टाल हैं जहाँ पर यह पेय गरमा-गरम उपलब्ध है.
आपकी प्रतिक्रिया और सुझावों की प्रतीक्षा में 🙏
आपका अपना …. पारुल सहगल 😊