दिल्ली के 500 स्वाद (भाग 8)
नमस्कार मित्रों 🙏
आज का स्वाद फिर से एक बार मीठा है और पूरे उत्तर भारत सहित देश के अधिकतर हिस्सों में प्रसिद्ध है. यह शायद दुनिया की सबसे ख़ूबसूरत मिठाई है और इसका नाम है “#कराची #हलवा“. इसे “#बॉम्बे हलवा” भी कहा जाता है परन्तु अधिक प्रचलित नाम “कराची हलवा” ही है.
दिल्ली में चांदनी चौक में बिलकुल फ़तेह पुरी मस्जिद के गेट के पास स्थित “चाइना राम सिंधी कन्फेक्शनर्स” जो की सन 1901 से यह दुकान चला रहे हैं, इस हलवे के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं. श्री हरी राम गिडवानी जो कि एक समय में रणजी ट्रॉफी में दिल्ली के लिए बतौर बैट्समैन खेल चुके हैं इस दुकान के मालिक हैं. गिडवानी जी बताते हैं कि उनके पुरखों ने लाहौर में सबसे पहले सन 1901 में कराची हलवा बनाना शुरू किया था और सन 1947 में उन्होंने यहाँ दिल्ली में इस दुकान को लाहौर से शिफ्ट किया था.
यह हलवा दबाने में रबर जैसा लचकीला लगता है इसलिये इसे कहीं कहीं रबर हलवा भी कहते है. दिखने में चमकीला, देशी घी और सूखे मेवे से भरपूर बोम्बे कराची हलवा का स्वाद एकदम अलग मिठास और देसी घी की महक लिए हुए होता है. बनाने को तो कई और मिठाई वाले इसे बनाते हैं पर “चाइना राम” वालों का इसे बनाने का कुछ गुप्त तरीका है जिससे कि इनके यहाँ का हलवा ना तो अधिक लचीला होता है न अधिक खुश्क …. एकदम सही टेक्सचर और फ्लेवर के साथ. इसकी पैकिंग यहाँ पर शुरू से टिन के डिब्बे में की जाती है और दाम है 260 रूपये में 700 ग्राम का टिन पैक.
कराची हलवा बनाने के लिए कॉर्न फ्लोर (अरारोट), देसी घी, चीनी खूब सारे ड्राई फ्रूट्स प्रयोग होते हैं. इसकी शेल्फ लाइफ काफी लम्बी होती है और यह सामान्य स्थितिओं में रखने पर लगभग एक महीने तक खराब नहीं होता है. अधिकतर इसमें खाने वाला लाल रंग डाल कर सुर्ख रंगत के साथ बनाया जाता है परन्तु कहीं कहीं इसे हरे या पीले रंग में भी बनाया जाता है.
तो मित्रों दिल्ली और आस-पास के विशिष्ट स्वाद आप तक इसी तरह पहुंचाते रहने के अपने वादे के साथ फिर एक नयी पोस्ट आपके साथ जल्दी ही शेयर करूँगा ….. तब तक के लिए नमस्कार 🙏