दिल्ली के 500 स्वाद (भाग 4)
नमस्कार मित्रों 🙏🏻
मेरी पिछली तीनों पोस्ट्स पर बहुत लोगों के सकारात्मक कॉमेंट और रेस्पॉन्स मिले हैं जिन्होंने मेरा उत्साह और बढ़ा दिया है …. आप सब से मिलने वाली सकारात्मक प्रतिक्रियाओं और प्रोत्साहन के लिए मेरा हार्दिक धन्यवाद स्वीकार करें.
आज मैं जिस स्वाद से आपका परिचय करवाने जा रहा हूँ वह एक “शीतल पेय” है और अपनी तरह का एक अनोखा पेय है जो मैंने सिर्फ़ एक ही जगह पर पिया है. इसका नाम है “गुड़ का शरबत” और यह मिलता है पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के पास “मोहल्ला इमली” की एक गली के कोने पर स्थित एक 70 साल पुरानी एक छोटी सी दुकान से जिसे चलाते है मियाँ अक़ील अहमद.
अक़ील अहमद बताते हैं कि उनके दादा ने 1947 में देश की आज़ादी के समय यहाँ पर शरबत बना कर बेचना शुरू किया था और उस समय एक पैसे में एक गिलास शरबत मिलता था. अक़ील अहमद ने जब दुकान सम्भाली तो 50 पैसे का एक गिलास मिलता था.
यह शरबत सिर्फ़ साल के आठ महीने तक यानी मार्च से अक्टूबर के महीने तक मिलता है. इसे बनाने में गुड़ और नींबू का प्रयोग होता है और बर्फ़ से ख़ूब ठंडा करके इसे परोसा जाता है.
बक़ौल अक़ील अहमद गरमी के मौसम में हज़ारों लोग उनके यहाँ से रोज़ शरबत पीते हैं और उनके कई वर्षों पुराने पक्के ग्राहक हैं.
तो मित्रों अगली बार जब भी पुरानी दिल्ली जाएँ और प्यास लगे तो एक बार “गुड़ का शरबत” ज़रूर ट्राई करें.